Aaj Ki Tithi, 2 January 2025: आज की तिथि, पंचांग और राहुकाल का समय
आज की तिथि क्या है? आइए, My Mandir के इस ब्लॉग में आज का पंचांग (2 January 2025 Ka Panchang), शुभ मुहूर्त और आज की तिथि (Today tithi) जानते हैं।
आज का पंचांग | Aaj ki tithi kya hai | Today tithi
Aaj Ki Tithi, 2 January 2025: आज पौष मास, तृतीया शुक्ल पक्ष, दिन- गुरुवार है। आज सूर्य धनु राशि में और चंद्रमा मकर राशि में विराजमान रहेंगे।
यदि आप आज कोई शुभ कार्य की शुरुआत करना चाहते हैं तो यहां से आज का शुभ मुहूर्त और आज का चौघड़िया नोट कर लें।
सनातन धर्म में हिंदू कैलेंडर का विशेष महत्व है, जिसे वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। हिंदू पंचांग चंद्रमा के चक्र पर आधारित होता है। इसी के अनुसार हमारे त्योहारों और तिथियों का निर्धारण किया जाता है। पंचांग के पाँच अंग होते हैं—तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। इन्हीं के आधार पर तिथि (Today Tithi), शुभ मुहूर्त, राहुकाल और चौघड़िया की गणना की जाती है।
तो आइए, सुप्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. मनोज मिश्र से जानते हैं- आज का पंचांग, शुभ मुहूर्त, राहुकाल, आज का चौघड़िया और आज की तिथि क्या है (Aaj ki tithi kya hai)?
आज का पंचांग- Aaj Ki Tithi, 2 January 2025
- आज की तिथि – शुक्ल पक्ष तृतीया
- आज का नक्षत्र – श्रावण 11:11 PM तक
- आज का योग – हर्षण 2:58 PM तक
- आज का करण – तैतिल 1:46 PM तक
- आज का वार – गुरुवार
आज का शुभ-अशुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग में शुभ-अशुभ मुहूर्त वह समय होता है, जब ग्रह और नक्षत्र उस स्थान के अनुसार सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इसलिए, किसी भी महत्वपूर्ण कार्य की शुरुआत सार्थक परिणाम के लिए शुभ मुहूर्त में ही करनी चाहिए।
- शुभ मुहूर्त- 11:42 AM से 12:24 PM
- राहुकाल- 1:22 PM से 2:42 PM
- गुलिक काल- 9:24 AM से 10:43 AM
- यमघण्टकाल- 6:45 AM से 8:04 AM
सूर्यास्त-सूर्योदय का समय
- सूर्योदय- 6:45 AM
- सूर्यास्त- 5:21 PM
- चंद्रोदय- 8:46 AM
- चन्द्रास्त- 7:46 PM
पंचांग के पांच अंग
1. तिथि
हिंदू कैलेंडर चंद्रमास पर आधारित होता है, जिसमें दो पक्ष होते हैं: कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष। प्रत्येक पक्ष 15-15 दिनों का होता है। विक्रम संवत की गणना के अनुसार, ‘चंद्र रेखांक’ को ‘सूर्य रेखांक’ से 12 अंश ऊपर जाने में जो समय लगता है, उसे तिथि कहते हैं।
ये 15 तिथियां क्रमशः इस प्रकार होती हैं: प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी और अमावस्या/पूर्णिमा।
2. नक्षत्र
आकाश मंडल में तारों के समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें कुल 27 नक्षत्र होते हैं, और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त होता है।
ये 27 नक्षत्र क्रमशः इस प्रकार हैं: अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती।
3. वार:
हिंदू कैलेंडर में “वार” का अर्थ दिन से है। अंग्रेजी और हिंदी दोनों कैलेंडरों के सप्ताह में 7 दिन होते हैं।
ये 7 वार क्रमशः इस प्रकार हैं: रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार।
4. योग:
नक्षत्रों की तरह योगों की संख्या भी 27 होती है। सूर्य और चंद्रमा की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है।
ये 27 योग क्रमशः इस प्रकार हैं: विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति।
5. करण:
हिंदू पंचांग के अनुसार, एक तिथि में दो करण होते हैं—एक तिथि के पूर्वार्ध में और दूसरा तिथि के उत्तरार्ध में। कुल 11 करण होते हैं।
ये 11 करण क्रमशः इस प्रकार हैं: बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न।
नोट: सभी मुहूर्त और पंचांग की जानकारी वाराणसी* (काशी) शहर के अनुसार दी गई है।
ज्योतिष, राशिफल, त्योहार, और सनातन धर्म से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के लिए MyMandir का ब्लॉग अवश्य पढ़ें।