पितृ पक्ष व्रत में भूलकर भी न करें ये गलती! जानें, Pitru Paksha 2025 के नियम
Pitru Paksha सिर्फ याद करने का नहीं, यह समय है अपने जीवन को शुद्ध करने और पितृदोष से मुक्ति पाने का! एक व्रत आपके पितरों की शांति और परिवार की समृद्धि ला सकता है। इस पावन समय में करें सही पूजा और तर्पण, और जानें पितृ पक्ष में व्रत के नियम, लाभ और महत्वपूर्ण बातें।

Pitru Paksha का समय केवल पितरों को याद करने का नहीं, बल्कि अपने जीवन को शुद्ध करने और पितृदोष से मुक्ति पाने का विशेष अवसर है। इस दौरान किए गए व्रत, तर्पण और श्राद्ध से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है। पितृ पक्ष केवल पूजा का समय नहीं, बल्कि यह हमारे मन और जीवन को भी शुद्ध करने का अवसर है। धर्मग्रंथों के अनुसार इस समय किया गया व्रत और दान कई गुना फल देता है। जब पितृ प्रसन्न होते हैं तो देवता भी प्रसन्न होते हैं और पूरे परिवार पर सुख-शांति का वास होता है।
1. पितृ पक्ष व्रत का उद्देश्य
पितृ पक्ष व्रत का मुख्य उद्देश्य पितरों की आत्मा की तृप्ति और मोक्ष की कामना करना है।
- यह व्रत पितरों के लिए लाभकारी होता है और परिवार पर आने वाले संकट दूर करता है।
- व्रत रखने वाला व्यक्ति जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति की ओर बढ़ता है।
- परिवार में सुख-शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि आती है।
2. व्रत रखने के सामान्य नियम
पितृ पक्ष व्रत और श्राद्ध से जुड़े कुछ सामान्य नियम हैं:
- श्राद्ध वाले दिन सूर्योदय से व्रत आरंभ करें और पूरे दिन संयमित रहें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें और क्रोध, असत्य या नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
- व्रत के दौरान भगवान विष्णु, भगवान शिव और पितरों का स्मरण करें।
- दोपहर में ब्राह्मण, गौ, कौवे, कुत्ते और चींटियों को भोजन दें।
- अगले दिन प्रातःकाल स्नान के बाद व्रत पारण करें।
- गरीबों को दान देना शुभ माना जाता है।
3. व्रत और श्राद्ध का संबंध
पितृ पक्ष में व्रत और श्राद्ध आपस में जुड़े हुए हैं।
- श्राद्ध में तर्पण, पिंडदान और भोजन कराकर पितरों की आत्मा तृप्त होती है।
- व्रत आत्मशुद्धि और पितरों के प्रति समर्पण का मार्ग है।
- व्रत के दौरान इच्छाओं को संयमित करें और पितरों की शांति के लिए प्रार्थना करें।
संयम और श्रद्धा से पितरों को संतोष मिलता है। व्रत और श्राद्ध दोनों करने से परिवार पर पितृदोष का प्रभाव खत्म होता है।
4. व्रत करने के लाभ
पितृ पक्ष व्रत करने से अनेक लाभ होते हैं:
- पितरों की आत्मा को शांति और मोक्ष प्राप्त होता है।
- व्रती को भगवान विष्णु और भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है।
- परिवार में सुख-शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य आता है।
- नकारात्मक ऊर्जा और पितृदोष का प्रभाव कम होता है।
- वंश वृद्धि, संतान सुख और पारिवारिक बाधाओं का निवारण होता है।
- व्रती जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति पाता है।
पितृ पक्ष में व्रत से आपका मन और शरीर शुद्ध होता है और पितरों को संतोष व मुक्ति मिलती है। Pitru Paksha 2025 में अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा दिखाएं। सनातन धर्म की अन्य महत्वपूर्ण जानकारी, पूजा विधि और टिप्स जानने के लिए अभी My Mandir वेबसाइट विजिट करें।