Aaj Ki Tithi: आज की तिथि क्या है? 2025, जानिए जून महीने की सभी तिथियां

आज की तिथि क्या है? जानिए हिंदू पंचांग के अनुसार जून महीने की सभी तिथियों की लिस्ट

आज का पंचांग | Aaj ki tithi kya hai | Today tithi

Aaj Ki Tithi: सनातन धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले हिंदू पंचांग के अनुसार तिथि और वार देखकर मुहूर्त तय करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

इसलिए यहां हम आपको जून महीने की तिथि (June Tithi) की पूरी जानकारी दे रहे हैं।

तो आइए, My Mandir वेबसाइट पर आज की तिथि और आज कौन सा दिन है (aaj kaun sa din hai) जानें। 

Today Panchang in Hindi

दिनांकदिनतिथिहिंदी माह (पक्ष)
1 जून, 2025रविवारषष्ठीज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष
2 जून, 2025सोमवारसप्तमीज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष
3 जून, 2025मंगलवारअष्टमीज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष
4 जून, 2025बुधवारनवमीज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष
5 जून, 2025गुरुवारदशमीज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष
6 जून, 2025शुक्रवारएकादशीज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष
7 जून, 2025शनिवारद्वादशीज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष
8 जून, 2025रविवारद्वादशीज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष
9 जून, 2025सोमवारत्रयोदशीज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष
10 जून, 2025मंगलवारचतुर्दशीज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष
11 जून, 2025बुधवारपूर्णिमाज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष
12 जून, 2025गुरुवारप्रतिपदा तिथिआषाढ़, कृष्ण पक्ष
13 जून, 2025शुक्रवारद्वितीयाआषाढ़, कृष्ण पक्ष
14 जून, 2025शनिवारतृतीयाआषाढ़, कृष्ण पक्ष
15 जून, 2025रविवारचतुर्थीआषाढ़, कृष्ण पक्ष
16 जून, 2025सोमवारपंचमीआषाढ़, कृष्ण पक्ष
17 जून, 2025मंगलवारषष्ठीआषाढ़, कृष्ण पक्ष
18 जून, 2025बुधवारसप्तमीआषाढ़, कृष्ण पक्ष
19 जून, 2025गुरुवारअष्टमीआषाढ़, कृष्ण पक्ष
20 जून, 2025शुक्रवारनवमीआषाढ़, कृष्ण पक्ष
21 जून, 2025शनिवारदशमीआषाढ़, कृष्ण पक्ष
22 जून, 2025रविवारद्वादशीआषाढ़, कृष्ण पक्ष
23 जून, 2025सोमवारत्रयोदशीआषाढ़, कृष्ण पक्ष
24 जून, 2025मंगलवारचतुर्दशीआषाढ़, कृष्ण पक्ष
25 जून, 2025बुधवारअमावस्याआषाढ़, कृष्ण पक्ष
26 जून, 2025गुरुवारप्रतिपदा तिथिआषाढ़, शुक्ल पक्ष
27 जून, 2025शुक्रवारद्वितीयाआषाढ़, शुक्ल पक्ष
28 जून, 2025शनिवारतृतीयाआषाढ़, शुक्ल पक्ष
29 जून, 2025रविवारचतुर्थीआषाढ़, शुक्ल पक्ष
30 जून, 2025सोमवारपंचमीआषाढ़, शुक्ल पक्ष
जून महीने की सभी तिथियां
june-ki-tithi

हिंदू पंचांग के अनुसार, एक महीने में कुल 30 तिथियां (चंद्र दिन) होते हैं। इन 30 तिथियों को दो भागों में बाँटा गया है, जिन्हें पक्ष कहा जाता है:

शुक्ल पक्ष – जब चंद्रमा की कलाएं बढ़ती हैं (अमावस्या के बाद पूर्णिमा तक)।

कृष्ण पक्ष – जब चंद्रमा की कलाएं घटती हैं (पूर्णिमा के बाद अमावस्या तक)।

हर पक्ष में 15 तिथियां होती हैं:

  • प्रतिपदा
  • द्वितीया
  • तृतीया
  • चतुर्थी
  • पंचमी
  • षष्ठी
  • सप्तमी
  • अष्टमी
  • नवमी
  • दशमी
  • एकादशी
  • द्वादशी
  • त्रयोदशी
  • चतुर्दशी
  • और अंत में पूर्णिमा (शुक्ल पक्ष) / अमावस्या (कृष्ण पक्ष)

इस तरह एक महीने में अधिकतर तिथियां दो बार आती हैं – एक बार शुक्ल पक्ष में और एक बार कृष्ण पक्ष में।

केवल पूर्णिमा और अमावस्या ऐसी तिथियां हैं जो महीने में एक-एक बार ही आती हैं।

  • पूर्णिमा आती है शुक्ल पक्ष के अंत में
  • अमावस्या आती है कृष्ण पक्ष के अंत में

इस पंचांग व्यवस्था के अनुसार, हर दिन की तिथि और उसका पक्ष तय होता है और इसी के आधार पर शुभ मुहूर्त, व्रत, त्यौहार, पूजा-पाठ आदि की योजना बनाई जाती है।

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