Aaj Ki Tithi 17 July 2025: आज का दिन कैसा रहेगा? जानिए आज की तिथि, शुभ मुहूर्त और आज का पंचांग
आज का दिन कैसा रहेगा? आइए My Mandir के इस पंचांग में आज की तिथि (Aaj ki tithi), शुभ-अशुभ मुहूर्त जान लें।

आज का पंचांग | Aaj ki tithi kya hai | Today Tithi
Aaj Ki Tithi 17 July 2025: नमस्कार दोस्तों! मैं आचार्य सुमित आज 17 जुलाई 2025 का संपूर्ण पंचांग लेकर आया हूँ। अगर आप आज किसी शुभ कार्य की शुरुआत करने की सोच रहे हैं, तो My Mandir के पंचांग से आज की शुभ तिथि, शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय ज़रूर जान लें।
आज का पंचांग | Aaj Ka Panchang 17 July 2025 (Aaj ki tithi)
माह | श्रावण मास |
पक्ष | कृष्ण पक्ष |
आज की तिथि | सप्तमी तिथि |
दिनांक | 17 जुलाई, 2025 |
दिन | गुरुवार |
नक्षत्र | रेवती 3:39 AM तक |
योग | अतिगंड 9:29 AM तक |
करण | विष्टि 8:06 AM तक |
विक्रम संवत | 2082 (कालयुक्त) |
शक संवत | 1947 (विश्ववासु) |
सूर्य राशि | कर्क |
चंद्र राशि | मीन |
दिशाशूल | दक्षिण (आज इस दिशा में लंबी यात्रा करने से बचें।) |
चंद्र निवास | उत्तर दिशा |
ऋतु | वर्षा |
अयन | दक्षिणायन |
सूर्योदय | 5:17 AM |
सूर्यास्त | 6:50 PM |
आज का शुभ-अशुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग में शुभ-अशुभ मुहूर्त वह समय होता है जिसमें ग्रह और नक्षत्र उस स्थान के अनुसार सकारात्मक और नकारात्मक परिणाम देते हैं। अतः हमें सार्थक परिणाम के लिए किसी महत्वपूर्ण कार्यों को अभिजीत (शुभ) मुहूर्त में ही शुरुआत करनी चाहिए।
आज का शुभ मुहूर्त | 11:37 AM से 12:31 PM |
गुलिक काल | 8:41 AM से 10:22 AM |
आज का राहुकाल | 1:45 PM से 3:27 PM |
यमघण्टकाल | 5:17 AM से 6:59 AM |
आइए, अब हिंदू पंचांग (Hindu Panchang) को विस्तार से समझ लेते हैं।
हिंदू कैलेंडर को वैदिक पंचांग भी कहा जाता है। इसमें पाँच मुख्य अंग होते हैं—तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। इन्हीं के आधार पर आज की तिथि (Today Tithi), शुभ मुहूर्त और राहुकाल की गणना की जाती है।
पंचांग के 5 अंग
1. तिथि
हिंदू कैलेंडर चंद्रमास पर आधारित है। जिसमें दो पक्ष कृष्ण और शुक्ल पक्ष होता है। यह 15-15 दिनों का होता है। विक्रम संवत गणना के अनुसार ‘चन्द्र रेखांक’ को ‘सूर्य रेखांक’ से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है, वह तिथि कहलाती है। हिंदू कैलेंडर में 15 तिथियां होती हैं।
ये 15 तिथियां क्रमशः प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी और अमावस्या/पूर्णिमा है।
2. नक्षत्र
आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है।
ये 27 नक्षत्र क्रमशः अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र और रेवती नक्षत्र हैं।
3. वार:
हिंदू कैलैंडर में वार का आशय दिन से है। हिंदी कैलेंडर के सप्ताह में 7 दिन हैं।
ये 7 वार क्रमशः रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार है।
4. योग:
नक्षत्र की तरह योग की संख्या भी 27 है। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है।
ये 27 योग क्रमशः विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति है।
5. करण:
हिंदू पंचांग के अनुसार एक तिथि में दो करण होती है। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। हिंदू पंचांग में कुल 11 करण होते हैं।
ये 11 करण क्रमशः बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न हैं।
Note- सभी मुहूर्त और पंचांग का जानकारी वाराणसी (काशी) शहर के अनुसार दी गई है।
ऐसे ही ज्योतिष, पंचांग, राशिफल, त्योहार, और सनातन धर्म की अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के लिए My Mandir का ब्लॉग अवश्य पढ़ें।