Ayodhya Yatra Guide | अयोध्या यात्रा: श्री राम मंदिर दर्शन कैसे करें, पूरी जानकारी
इस साल अयोध्या में 26 लाख दीयों की रोशनी के बीच 19 अक्टूबर 2025 को भव्य आयोजन किया जाएगा। अगर आप जानना चाहते हैं कि इस अद्भुत अवसर पर राम मंदिर का दर्शन कैसे करें। तो यह गाइड आपके लिए है।

Ayodhya Darshan: इस बार अयोध्या में दीपोत्सव 19 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। यह आयोजन 18 से 20 अक्टूबर तक चलेगा, जिसमें सांस्कृतिक और पारंपरिक कार्यक्रम और ड्रोन शो शामिल हैं। देश-विदेश से लाखों भक्त अयोध्या आने की इच्छा रखते हैं, लेकिन सही जानकारी न होने के कारण दर्शन में कठिनाइयाँ होती हैं। इसलिए हम यहां अयोध्या यात्रा और राम मंदिर दर्शन को आसान और यादगार बनाने की पूरी जानकारी दे रहे हैं।
अयोध्या नगरी: संक्षिप्त इतिहास और महत्व
सरयू नदी के शांत किनारे बसी अयोध्या नगरी को “रामनगरी” कहा जाता है। यही वह पावन भूमि है जहाँ भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। कहा जाता है कि अयोध्या का नाम स्वयं भगवान विष्णु के निवास “अवध्य” से पड़ा, जिसका अर्थ है — जिसे कोई जीत नहीं सकता। यह नगर सदियों से आस्था, धर्म और संस्कृति का केंद्र रहा है। यहाँ की मिट्टी में रामायण काल की गूँज आज भी सुनाई देती है।
अयोध्या के प्रमुख दर्शनीय स्थल
आपको बता दें, अयोध्या में हर मोड़ पर आस्था और इतिहास की झलक मिलती है। यहाँ के मंदिर, घाट और पौराणिक स्थल श्रद्धा के साथ-साथ संस्कृति की गहराई भी दिखाते हैं। आइए जानते हैं अयोध्या के कुछ प्रमुख दर्शनीय स्थलों के बारे में…

1. श्री राम जन्मभूमि मंदिर:
यह अयोध्या का सबसे प्रमुख और पवित्र स्थान है, जहाँ भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। भव्य राम मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों को ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी दी गई है ताकि वे आसानी से रामलला के दर्शन कर सकें।
2. हनुमान गढ़ी:
यहाँ भगवान हनुमान का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। मान्यता है कि हनुमान गढ़ी के दर्शन के बाद राम मंदिर जाना शुभ होता है। यहाँ से पूरी अयोध्या नगरी का सुंदर दृश्य दिखाई देता है।
3. कनक भवन:
सीता माता और भगवान राम को समर्पित यह मंदिर अपनी सुंदरता और शांति के लिए जाना जाता है। कहा जाता है कि यह भवन माता कैकेयी ने सीता को उपहार में दिया था।
4. श्री नागेश्वरनाथ मंदिर:
भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर अयोध्या के प्राचीनतम स्थलों में से एक है। यहाँ भक्त शिव जी की पूजा कर मोक्ष और आशीर्वाद की कामना करते हैं।
5. सरयू नदी और घाट:
अयोध्या का हर दर्शन सरयू नदी के बिना अधूरा है। यहाँ के घाटों पर स्नान को अत्यंत पवित्र माना गया है। खासकर राम की पैड़ी और सूर्यकुंड घाट सबसे प्रसिद्ध हैं।
6. गुप्तार घाट:
यह वही स्थान है जहाँ भगवान श्रीराम ने जल समाधि ली थी। श्रद्धालु यहाँ आकर गहरी भक्ति और शांति का अनुभव करते हैं।
7. मणि पर्वत:
यह पर्वत पौराणिक कथाओं से जुड़ा है। कहा जाता है कि यह वह स्थान है जहाँ भगवान हनुमान संजीवनी लाते समय पर्वत का एक अंश यहाँ गिर गया था।
8. तुलसी स्मारक भवन:
महाकवि गोस्वामी तुलसीदास को समर्पित यह स्थल साहित्य और भक्ति दोनों का संगम है। यहाँ “रामचरितमानस” की अमर गाथा की झलक हर दीवार पर महसूस की जा सकती है।
अयोध्या कैसे पहुंचे (how to readh ayodhya)
हवाई मार्ग:
सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट लखनऊ का चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो लगभग 135 किलोमीटर दूर है। लखनऊ से टैक्सी या बस द्वारा आप लगभग तीन घंटे में अयोध्या पहुँच सकते हैं।
आपको बता दें, अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनकर तैयार हो गया है। यह हवाई अड्डा मुख्य रूप से घरेलू उड़ानों के लिए कार्यरत है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय दर्जा भी प्राप्त है।
रेल मार्ग:
अयोध्या जंक्शन पूरे देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। लखनऊ, गोरखपुर, हावड़ा और जम्मू से ट्रेनें नियमित रूप से आती हैं।
सड़क मार्ग:
अयोध्या राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों से जुड़ा हुआ है। लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर से बस और टैक्सी आसानी से मिल जाती हैं।
अयोध्या में स्थानीय यात्रा (Local yatra in Ayodhya)
अयोध्या पहुँचने के बाद आप ऑटो, ई-रिक्शा या टैक्सी से आसानी से रामलला मंदिर पहुँच सकते हैं। मंदिर के आसपास हनुमानगढ़ी, कनक भवन और सरयू घाट जैसे अन्य पवित्र स्थल भी हैं।
अयोध्या में ठहरने की व्यवस्था
अयोध्या में हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध है। धर्मशाला, अतिथि गृह, होटल और रिसॉर्ट्स सभी मौजूद हैं। त्योहारों या विशेष अवसरों पर पहले से बुकिंग करना उचित है।
रामलला मंदिर में आरती का समय
अगर आप आरती में शामिल होना चाहते हैं तो समय की जानकारी होना बहुत जरूरी है। मंदिर में निम्नलिखित समय पर आरती होती है:
- मंगल आरती: सुबह 4:30 बजे
- श्रृंगार आरती: सुबह 6:30 से 7:00 बजे तक
- भोग आरती: 11:30 बजे
- मध्याह्न आरती: 2:30 बजे
- संध्या आरती: 6:30 बजे
- शयन आरती: 8:30 से 9:00 बजे
- मंदिर आने का सामान्य समय:
- सुबह 6:30 से 12:00 बजे तक
- दोपहर और शाम 2:30 से 10:00 बजे तक
ध्यान दें कि आरती से कम से कम 30 मिनट पहले मंदिर पहुँचें ताकि आप आराम से दर्शन कर सकें।
मंदिर में पहनावा (dress code)
मंदिर में पारंपरिक कपड़े पहनना सबसे उचित है। बहुत छोटे या चमकदार कपड़े पहनने से बचें। यह मंदिर का नियम है कि कपड़े शालीन और सम्मानजनक हों।
पुरुष: कुर्ता-पायजामा, धोती या साधारण शर्ट-पैंट
महिलाएं: साड़ी, सूट या लहंगा
आरती और दर्शन के लिए पास (booking pass)
आरती में शामिल होने के लिए पास बुक करना होता है।
ऑफलाइन: मंदिर के आरक्षण काउंटर पर जाकर।
ऑनलाइन: मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण करके और समय चुनकर।
इस बुकिंग के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि सभी भक्तों को आरामदायक और व्यवस्थित दर्शन मिल सके।
प्रवेश और प्रसाद
मंदिर में प्रवेश निःशुल्क है। भक्त मंदिर काउंटर या वेबसाइट से लड्डू और पेड़ा का प्रसाद खरीद सकते हैं। ध्यान दें कि मोबाइल, पर्स, फूल, माला या निजी प्रसाद मंदिर में नहीं ले जाने चाहिए।
कुछ महत्वपूर्ण बातें
- सप्ताह के बीच के दिन दर्शन के लिए बेहतर होते हैं क्योंकि भीड़ कम रहती है।
- मोबाइल और पर्स साथ न लें।
- मंदिर की सभी नियमों का पालन करें।
- आरामदायक कपड़े पहनें और पानी साथ रखें।
अयोध्या राम मंदिर का दर्शन केवल एक यात्रा नहीं है, बल्कि यह आत्मा को शांति और भक्ति का अनुभव देता है। यहाँ भक्तों को इतिहास, संस्कृति और आध्यात्म का संगम देखने को मिलता है। श्रीराम के दर्शन कर आप अपने जीवन में सुख, शांति और आत्मिक आनंद महसूस कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. दर्शन में कितना समय लगता है?
लगभग 60 से 75 मिनट। मोबाइल और पर्स साथ न ले जाएँ।
2. दर्शन पास कैसे लें?
ऑनलाइन वेबसाइट या मंदिर काउंटर से बुक कर सकते हैं। फोटो ID साथ रखें।
3. आरती पास का कोई शुल्क है क्या?
नहीं, पूरी तरह मुफ्त है।
4. क्या मोबाइल अंदर ले जा सकते हैं?
नहीं, मोबाइल और बैग अंदर ले जाना मना है।
5. क्या फूल या प्रसाद ले जा सकते हैं?
नहीं, मंदिर के नियम अनुसार निजी प्रसाद, फूल या माला साथ न लाएँ।