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सोमेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास, महत्व और यात्रा विवरण

आइए, इस ब्लॉग में सोमेश्वर नाथ मंदिर (Someshwar Mahadev Mandir) का इतिहास, महत्व और यात्रा विवरण को जानते हैं।

Someshwar Mahadev Mandir: भारत के प्रसिद्ध तीर्थस्थली प्रयाग में सोमेश्वर नाथ एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर यमुना नदी के किनारे अरैल घाट पर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि भगवान चंद्रमा स्वयं यहां शिवलिंग की स्थापना कर कुष्ठ रोग से निजात पाई थी। 

प्रयागराज की इस मंदिर विशेष महत्ता है। यहां पूजा-अर्चना करने से कुष्ठ रोग से संबंधी सभी बीमारियां दूर हो जाती है। सदियों से चली आ रही धार्मिक महत्ता के कारण प्रत्येक वर्ष लाखों लोग यहां महादेव से आशीर्वाद लेने आते हैं। साथ ही यहां गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान करके पुण्य की प्राप्ति करते हैं। 

तो आइए, इस ब्लॉग में सोमेश्वर नाथ मंदिर का इतिहास, महत्व और यात्रा विवरण को जानते हैं। 

सोमेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास

सोमेश्वर महादेव मंदिर (Someshwar Mahadev Mandir) का इतिहास सदियों पुराना है। इस मंदिर का उल्लेख प्राचीन धर्म ग्रंथों में भी मिलता है। कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना भगवान चंद्रमा ने की थी। लेकिन बाद इस मंदिर का जीर्णोद्धार गुप्त काल के राजाओं ने की थी। यह मंदिर अपने धार्मिक महत्व के कारण प्रयागराज के सबसे महत्वपूर्ण पवित्र स्थलों में प्रसिद्ध है। वर्षों से यह मंदिर अपनी दिव्य ऊर्जा के लिए प्रसिद्ध है, जहां भगवान शिव की पूजा की जाती है। 

इस पवित्र मंदिर के बारे में “पद्म पुराण” और “शिव पुराण” में भी जिक्र है। आपको बता दें, प्रयागराज में जब भी कुंभ मेला, अर्ध कुंभ मेला और माघ मेला जैसे बड़े धार्मिक आयोजन होते हैं, तो यहां पूजा-अनुष्ठान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। 

सोमेश्वर महादेव मंदिर की पौराणिक कथा

कहा जाता है कि भगवान चंद्रमा की 27 पत्नियां थीं, उनमें से उन्हें रोहिणी नाम की पत्नी सबसे अधिक प्रिय थी। इससे अन्य पत्नियों को ईर्ष्या होने लगी और वे इसकी शिकायत करने अपने पिता दक्ष प्रजापति के पास गईं। दक्ष रुष्ट हो गए और चंद्रमा को तपेदिक (क्षय रोग) नामक एक बुरी बीमारी होने का श्राप दे दिया। दुखी और बीमार, भगवान चंद्र ने भगवान विष्णु से मदद मांगी। भगवान विष्णु ने उन्हें प्रयागराज में रहने और भगवान शिव की पूजा करने के लिए कहा। इसलिए, भगवान चंद्र ने एक शिव लिंग बनाया और हर दिन उसकी पूजा की। वर्षों की प्रार्थना के बाद, भगवान शिव के समर्पण को देखकर भगवान शिव प्रसन्न हो गए और उन्हें इस बीमारी से ठीक कर दिया।

मान्यता है कि आज भी भगवान चंद्र इस मंदिर के आसपास अमृत की वर्षा करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम वनवास के दौरान स्वयं यहां पूजा-अर्चना करके भगवान शिवजी का आशीर्वाद लिया था। 

कई साल पहले राजा पेशवा बाजीराव ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण कराया था। साथ ही उन लोगों से बचाया था जो इस मंदिर को नष्ट करने की कोशिश की थी।

सबसे आश्चर्यजनक बात? मंदिर के शीर्ष पर स्थित त्रिशूल की दिशा चंद्रमा की दिशा के अनुसार बदलता रहता है। इसके कारण को आज भी वैज्ञानिक इसकी व्याख्या नहीं कर सकें हैं लेकिन स्थानीय लोगों का मानना ​​है कि यह भगवान शिव के आशीर्वाद के कारण ऐसा होता है। कहा जाता है कि गंगा नदी में स्नान करने से कई बीमारियों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही यहां भगवान शिव की पूजा करने से जीवन में शांति और समृद्धि आती है। 

सोमेश्वर महा मंदिर की वास्तुकला

प्रयागराज में स्थित मंदिरों में यह मंदिर की वास्तुकला बहुत ही अद्भुत है। इस मंदिर को नागर शैली में बनाया गया है। मंदिर के शीर्ष पर विशाल शिखर और गुंबद बना है। शिखर के ठीक नीचे गर्भ गृह भगवान भोलेनाथ शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं। मंदिर का गर्भ गृह छोटा है और उसमे संगमरमर लगा है। मंदिर एक प्रवेश द्वार है और ठीक सामने सीढ़ियां बनीं हैं। 

इस मंदिर की सुंदरता को देखने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं। आपको बता दें, यह मंदिर लाल बलुआ पत्थर से बना है और इसमें अद्भुत नक्काशी है। मंदिर के ऊपर ऊंची मीनारें भी हैं जिस पर चढ़कर आप प्रयागराज का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं।

प्रमुख त्योहार

श्रावण और मार्गशीर्ष मास के दौरान बड़ी संख्या में भक्त यहां आते हैं। इसके अलावा अमावस्या, पूर्णिमा और महा शिवरात्रि के दौरान भक्तों की भारी भीड़ रहती है। इस विशेष अवसरों पर मंदिर वैदिक मंत्रोच्चार से गुंजायमान रहता है। 

महा शिवरात्रि – 

प्रयागराज के सोमेश्वरनाथ मंदिर में महा शिवरात्रि पूरे हर्षोल्लास और आस्था के साथ मनाई जाती है।

श्रावण और मार्गशीर्ष मास: 

ये महीने भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिए बहुत शुभ हैं। इस दौरान पूरे महीने सोमेश्वरनाथ मंदिर में भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना करके आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। 

विशेष अवसर: 

इसके अलावा अमावस्या और पूर्णिमा जैसी विशेष तिथियों पर भी यहां भक्तों की भीड़ रहती है। 

यदि आपको इनमें से किसी भी अवसर पर सोमेश्वर नाथ मंदिर के दर्शन करने का मौका मिले तो भगवान शिव का आशीर्वाद अवश्य लें। 

मंदिर के आसपास पर्यटक आकर्षण

सोमेश्वर महादेव मंदिर (Someshwar Mahadev Mandir) एक दिव्य स्थान है, लेकिन प्रयागराज में और भी स्थान हैं जहाँ आप विजिट कर सकते हैं।  

1. गंगा स्नान: 

सोमेश्वर नाथ मंदिर से 12 किलोमीटर की दूरी पर संगम स्थित है। इस स्थान पर आप गंगा स्नान करके मां गंगा का आशीर्वाद ले सकते हैं। यहां आप नाव की सवारी भी कर सकते हैं। 

2. प्रयागराज शहर: 

प्रयागराज बहुत ही प्राचीन शहर है। यहां कई दर्शनीय स्थल है। जैसे- भारद्वाज आश्रम, संगम, बड़े हनुमान जी, सिविल लाइन्स। यहां की जलेबी, समोसा जैसे स्थानीय स्नैक्स बहुत ही प्रसिद्ध है। 

3. इलाहाबाद किला: 

सम्राट अकबर द्वारा निर्मित यह किला शहर और गंगा नदी के अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है।

4. इलाहाबाद संग्रहालय: 

यह संग्रहालय भारतीय इतिहास के विभिन्न युगों को दर्शाता है। जिसमें मूर्तियां, पेंटिंग शामिल है।

5. आनंद भवन: 

आनंद भवन कभी भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का घर हुआ करता था। लेकिन अब इसे संग्रहालय के रूप में विकसित कर दिया गया है। इस भवन के बगल में स्वराज भवन है जिसका उपयोग स्वतंत्रता संग्राम के समय सभा आदि के लिया किया जाता था। 

सोमेश्वर नाथ मंदिर तक कैसे पहुँचें?

वायु मार्ग : 

मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा प्रयागराज हवाई अड्डा (IXD) है। यहां से आप टैक्सी, कैब या रिक्शा से प्रयागराज जा सकते हैं, जो लगभग 12 किलोमीटर दूर है।

रेल मार्ग : 

प्रयागराज जंक्शन (PRYJ) प्रयागराज का मुख्य रेलवे स्टेशन है। यहां से प्रतिदिन हजारों ट्रेनें गुजरती हैं, जो भारत के प्रमुख शहरों को जोड़ती हैं। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे प्रमुख शहरों से को यहां के लिए डायरेक्ट ट्रेनें मिल जाएंगी। 

सड़क मार्ग : 

प्रयागराज में कई बस स्टैंड हैं, जिनमें सिविल लाइंस बस स्टैंड और नैनी बस स्टैंड प्रमुख हैं। भारतभर के विभिन्न शहरों से यहां के लिए रोडवेज की सुविधा उपलब्ध है। 

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