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अथ श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम | Sri Ashtalakshmi Stotram | PDF

मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्र हैं लेकिन अथ श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्र का जाप से विशेष कृपा प्राप्त होती है।

Sri Ashtalakshmi Stotram: लक्ष्मी जी धन की देवी हैं। सनातन परंपरा के अनुसार मां लक्ष्मी जी पूजा प्रत्येक शुक्रवार की जाती है। इस दिन विधि विधान से मां लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना करने से मां प्रसन्न होती हैं और भक्तों के जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होने देती हैं। 

ऐसे तो मां लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्र हैं लेकिन लक्ष्मी जी के 8 नामों की आराधना करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस मंत्र का नाम है- अथ श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम (Sri Ashtalakshmi Stotra)। 

अथ श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम (Sri Ashtalakshmi Stotram) एक बेहद चमत्कारी मंत्र है। इस स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करने से भक्तों के जीवन में आर्थिक तंगी, दरिद्रता व पैसों से संबंधित अन्य सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है।

तो आइए, My Mandir के इस ब्लॉग में अथ श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम को जानते हैं। यहां आप Sri Ashtalakshmi Stotram PDF भी प्राप्त कर सकते हैं। 

आइए, मां लक्ष्मी जी के आठ स्वरूप और मंत्र को जानते हैं। 

मां लक्ष्मी के 8 नाम

  1. आद्य लक्ष्मी
  2. धान्यलक्ष्मी
  3. धैर्यलक्ष्मी
  4. गजलक्ष्मी
  5. संतानलक्ष्मी
  6. विजयलक्ष्मी
  7. विद्यालक्ष्मी
  8. विजयलक्ष्मी

अथ श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम (Sri Ashtalakshmi Stotram)

1. आद्य लक्ष्मी

सुमनस वन्दित सुन्दरि माधवि,

चन्द्र सहोदरि हेममये,

मुनिगण वन्दित मोक्षप्रदायिनि,

मंजुल भाषिणी वेदनुते ।

पंकजवासिनी देव सुपूजित,

सद्गुण वर्षिणी शान्तियुते,

जय जय हे मधुसूदन कामिनी,

आद्य लक्ष्मी परिपालय माम् ॥1॥

2. धान्यलक्ष्मी

अयिकलि कल्मष नाशिनि कामिनी,

वैदिक रूपिणि वेदमये,

क्षीर समुद्भव मंगल रूपणि,

मन्त्र निवासिनी मन्त्रयुते ।

मंगलदायिनि अम्बुजवासिनि,

देवगणाश्रित पादयुते,

जय जय हे मधुसूदन कामिनी,

धान्यलक्ष्मी परिपालय माम्॥2॥

3. धैर्यलक्ष्मी

जयवरवर्षिणी वैष्णवी भार्गवि,

मन्त्रस्वरूपिणि मन्त्रमये,

सुरगण पूजित शीघ्र फलप्रद,

ज्ञान विकासिनी शास्त्रनुते ।

भवभयहारिणी पापविमोचिनी,

साधु जनाश्रित पादयुते,

जय जय हे मधुसूदन कामिनी,

धैर्यलक्ष्मी परिपालय माम् ॥3॥

4. गजलक्ष्मी

जय जय दुर्गति नाशिनि कामिनि,

सर्वफलप्रद शास्त्रमये,

रथगज तुरगपदाति समावृत,

परिजन मण्डित लोकनुते ।

हरिहर ब्रह्म सुपूजित सेवित,

ताप निवारिणी पादयुते,

जय जय हे मधुसूदन कामिनी,

गजरूपेणलक्ष्मी परिपालय माम् ॥4॥

5. संतानलक्ष्मी

अयि खगवाहिनि मोहिनी चक्रिणि,

राग विवर्धिनि ज्ञानमये,

गुणगणवारिधि लोकहितैषिणि,

सप्तस्वर भूषित गाननुते ।

सकल सुरासुर देवमुनीश्वर,

मानव वन्दित पादयुते,

जय जय हे मधुसूदन कामिनी,

सन्तानलक्ष्मी परिपालय माम् ॥5॥

6. विजयलक्ष्मी

जय कमलासिनि सद्गति दायिनि,

ज्ञान विकासिनी ज्ञानमये,

अनुदिनमर्चित कुन्कुम धूसर,

भूषित वसित वाद्यनुते ।

कनकधरास्तुति वैभव वन्दित,

शंकरदेशिक मान्यपदे,

जय जय हे मधुसूदन कामिनी,

विजयलक्ष्मी परिपालय माम् ॥6॥

7. विद्यालक्ष्मी

प्रणत सुरेश्वर भारति भार्गवि,

शोकविनाशिनि रत्नमये,

मणिमय भूषित कर्णविभूषण,

शान्ति समावृत हास्यमुखे ।

नवनिधि दायिनि कलिमलहारिणि,

कामित फलप्रद हस्तयुते,

जय जय हे मधुसूदन कामिनी,

विद्यालक्ष्मी सदा पालय माम् ॥7॥

8. धनलक्ष्मी

धिमिधिमि धिन्दिमि धिन्दिमि,

दिन्धिमि दुन्धुभि नाद सुपूर्णमये,

घुमघुम घुंघुम घुंघुंम घुंघुंम,

शंख निनाद सुवाद्यनुते ।

वेद पुराणेतिहास सुपूजित,

वैदिक मार्ग प्रदर्शयुते,

जय जय हे मधुसूदन कामिनी,

धनलक्ष्मी रूपेणा पालय माम् ॥8॥

फ़लशृति

अष्टलक्ष्मी नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि ।

विष्णु वक्ष:स्थलारूढ़े भक्त मोक्ष प्रदायिनी॥

शंख चक्रगदाहस्ते विश्वरूपिणिते जय: ।

जगन्मात्रे च मोहिन्यै मंगलम् शुभ मंगलम्॥

॥ इति श्रीअष्टलक्ष्मी स्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

अथ श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम | Sri Ashtalakshmi Stotram | PDF

Sri Ashtalakshmi Stotram | PDF
मां लक्ष्मी जी के 8 नाम

श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्र के लाभ (benefits of Shri Ashtalakshmi Stotra)

  • नियमित रूप से श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने से धन संबंधी सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
  • श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने से आर्थिक तंगी, दरिद्रता व पैसों से संबंधित अन्य सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है।
  • अगर व्यक्ति पर किसी प्रकार के धन का कर्ज है तो इस स्त्रोत का पाठ करने से वह कर्ज जल्द ही खत्म हो जाता है।
  • श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करने से व्यापार में सफलता मिलती है।
  • नौकरी पेशा व्यक्तियों के लिए भी इस स्तोत्र का पाठ काफी लाभकारी साबित होता है। नियमित रूप से श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने से सैलरी में वृद्धि की संभावना बनती है।

ऐसे ही ज्योतिष, राशिफल, त्योहार, और सनातन धर्म की अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के लिए My Mandir का ब्लॉग अवश्य पढ़ें।

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